
Why Workerlly is the Best Choice for Hourly Work?
Introduction The world of work is changing faster than ever. People no longer want to
वृंदावन शहर जोकि उत्तर प्रदेश के पवित्र ज़िले मथुरा में स्थित है। यह अपने जटिल, सुन्दर मन्दिरों तथा अच्छी तरह से सुव्यवस्थित तरीक़े से बनाए गए बगीचों के लिए पूरी दुनिया मे जाना जाता है और इसी वजह से वृन्दावन में घूमने की 10 जगह उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में शामिल है।
देश का सबसे पुराना शहर होने के साथ – साथ भारत में सदियों से ‘बांके बिहारी मन्दिर’ और ‘रंग नाथ जी मन्दिर’ जैसे स्थानों की वास्तुकला चली आ रही है। यह गौरवशाली प्राचीन कथाओं के समृद्ध प्रतिनिधित्व का प्रतीक है।
‘बांके बिहारी मन्दिर’ तथा ‘राधा दामोदर मन्दिर’ समेत अन्य स्थानों को धार्मिक सजावट और उनके शानदार माहौल के लिए जाना जाता है। यह जगह दुनिया भर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
विश्राम करने लेने के लिए ‘श्री कृष्ण बलराम मन्दिर’ समेत वृंदावन के सभी पर्यटन स्थलों को व्यापक रूप से सकारात्मकता की भावना प्राप्त करने के लिए एक आदर्श स्थान के रूप में भी जाना जाता है। इस जगह का सौंदर्य और आस्थामयी वातावरण का वैभव देखने दुनिया के कोने – कोने से पर्यटक आते हैं।
वृन्दावन में घूमने की 10 जगह में लोग भक्ति, शान्ति की तलाश और आध्यात्मिक जीवन से जुड़ने के लिए खासतौर पर आते हैं।
वृंदावन जोकि भारत के उत्तर प्रदेश नामक राज्य में है, यहाँ पर दक्षिण भारत के मुकाबले अधिक ठण्ड पड़ती है। वृन्दावन में घूमने की 10 जगह देखने का सही समय नवम्बर का महीना है। ऐसा इसलिए क्योंकि वृंदावन का नज़ारा ठण्ड के मौसम में कुछ अलग ही दिखाई पड़ता है।
ठण्ड के मौसम के अलावा फाल्गुन (होली का महीना) भी वृंदावन घूमने के लिए अनुकूल साबित होता है। कृष्ण तथा गोपियों की रासलीला किसी से नहीं छुपी है और इसी कारण वृंदावन में होली एक अलग ही अंदाज़ में मनाई जाती है।
आपको मार्च के महीने में होली के त्योहार से कुछ दिन पहले वृंदावन जाना चाहिए। यहाँ की होली विश्वभर में प्रसिद्ध है।
वृंदावन कैसे पहुँचे
यदि आप वृंदावन घूमना चाहते हैं और यह जानने के इच्छुक हैं कि यहाँ घूमने में कितना खर्च आएगा तो हम आपको बता देना चाहते हैं कि वृंदावन हिन्दुओं का पवित्र स्थल है। जो घूमने – फिरने से अधिक पूजा – अर्चना करने के लिए प्रचलित है और पूजा करने में अधिक खर्च नहीं आता।
यदि सही मायने में खर्च की बात की जाए तो आप वृन्दावन में घूमने की 10 जगह पर कम – से – कम 500 और अधिक से अधिक 5000 रूपये में रहने के लिए शानदार जगह का इंतज़ाम कर सकते हैं।
इसके अलावा खाने – पीने में आप अपने अनुसार खर्चा कर सकते हैं। एक व्यक्ति ₹500 में भी वृंदावन घूम जा सकता है और ₹5000 में भी आलीशान तरीके से वृंदावन घूम सकता है।
वृंदावन विशेषतौर पर अपनी मिठाइयों और दूध से बने पदार्थों के लिए जाना – जाता है। वैसे तो यहाँ के सभी व्यंजन प्रसिद्ध हैं लेकिन कुछ ऐसे व्यंजन हैं, जो आपको चखने ही चाहिए। वह व्यंजन कुछ इस प्रकार हैं –
-पेड़े – कचौरी
-जलेबी -पानीपुरी
-समोसा – चाट
-आलू टिक्की – लस्सी
वैसे तो वृन्दावन में सभी स्थान घूमने की दृष्टि से बढ़िया हैं लेकिन वृन्दावन में घूमने की 10 जगह विशेषतौर पर प्रसिद्ध हैं। जिनकी जानकारी कुछ इस प्रकार है –
वृन्दावन में घूमने की 10 जगह में सब पहले आती है – यमुना नदी। वृंदावन शहर यमुना नदी के किनारे स्थित है, जिस वजह से इस नदी का वृंदावन में बहुत महत्व है। भगवान श्री कृष्ण के साथ यमुना नदी का गहरा नाता है।
यमुना नदी भगवान श्री कृष्ण की ‘बहन’ के रूप में प्रख्यात है। इस नदी को भारत में गंगा नदी की तरह ही एक पवित्र नदी माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि जो भी इस नदी के पावन जल में डुबकी लगाता है, उस व्यक्ति के सभी पाप भगवान श्री कृष्ण द्वारा माफ कर दिए जाते हैं तथा उस व्यक्ति का शरीर और आत्मा दोनों ही शुद्ध हो जाते हैं। इसी वजह से वृंदावन आने वाला प्रत्येक श्रद्धालु यमुना नदी में स्नान अवश्य करता है।
वृन्दावन में घूमने की 10 जगह में से एक है – इस्कॉन मन्दिर। इस्कॉन का अर्थ होता है – ‘इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस।’ यह एक worldwide organization है, जो भगवान श्री कृष्ण के उपदेशों का प्रचार करती है।
यह organization श्रीमद्भागवत गीता जैसे प्राचीन हिन्दू ग्रंथों को आधार बनाकर अपना प्रचार – प्रसार करती है। यह मन्दिर भगवान कृष्ण और उनकी प्रेमिका राधा को समर्पित है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु सनातन धर्म की वैष्णव परंपरा को मानते हैं।
साल 1966 में इस्कॉन organisation की स्थापना की गई थी। इस organisation को भक्तिवेदांत स्वामी ‘प्रभुपाद’ द्वारा स्थापित किया गया था। जो ‘श्री प्रभुपाद’ के नाम से भी पूरे देशभर में प्रसिद्ध हैं। यह वृंदावन शहर के सबसे सुन्दर tourist place में से एक है।
वृन्दावन में घूमने की 10 जगह में शामिल प्रेम मन्दिर खूबसूरत दृश्यों से घिरा हुआ एक मन्दिर है। यह एक शानदार मन्दिर हैं, जिसे साल 2001 में जगद्गुरु श्री ‘कृपालुजी महाराज’ के द्वारा बनवाया गया था।
इस मन्दिर को भगवान का प्रेम मन्दिर इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह मन्दिर राधा कृष्ण के साथ – साथ सीता – राम को भी समर्पित है।
उत्तर प्रदेश के मथुरा ज़िले के नज़दीक बसे वृन्दावन नाम के पवित्र शहर में यह मन्दिर स्थित है। इस प्रेम मन्दिर का वातावरण शान्ति और पवित्रता से भरा हुआ है। आरती के समय इस मन्दिर में भक्तों का ताँता लगा रहता है।
वृन्दावन में घूमने की 10 जगह में से एक सेवा कुंज राधा रानी और श्री कृष्ण जी की मंत्रमुग्ध कर देने वाली लीलाओं को दर्शाता है। जो इस कुंज में आते हैं और कई – कई घण्टों तक यहीं बैठे रहते हैं।
सेवा कुंज मन्दिर का आकार एक बड़े गुंबद की भाँति है, जिसकी दीवारों पर भगवान श्री कृष्ण तथा राधा रानी के भिन्न – भिन्न चित्रों को दर्शाया गया है। इस कुंज के कपाट मात्र दिन में ही खुलते हैं और सूरज डूबने के साथ ही यहाँ के कपाट भी बन्द कर दिए जाते हैं।
सेवा कुंज में भ्रमण करने के दृष्टि से निकुंज मन्दिर और आगंतुक ललित कुंज को बनवाया गया है। यह दोनों स्थान इस मन्दिर के केंद्र में मौजूद हैं।
वृन्दावन में घूमने की 10 जगह में शामिल बांके बिहारी मन्दिर कृष्ण – पूजन करने के लिए प्रसिद्ध है। यह मन्दिर एक ऐसी जगह है, जिसकी स्थानीय लोगों तथा यात्रियों द्वारा बहुत सराहना की जाती है।
बांके बिहारी मन्दिर सालभर आने वाले भक्तों और पर्यटकों की भीड़ से भरा रहता है। यह मन्दिर उन 7 मंदिरों में से एक माना जाता है, जो ‘वृंदावन के ठाकुर’ को बनाते हैं।
राजस्थानी की की भव्यता से यही मन्दिर सुसज्जित है। जिसमें सुन्दर चिनाई और बड़ी खिड़कियों को जटिल डिजाइनों में ढाला गया है। अतीत में इस मन्दिर का अवशेष ‘कुंज बिहारी’ के रूप में प्रतिष्ठित था। जिसका अर्थ ही होता है – झीलों का आनन्द लेने वाला।
वृन्दावन में घूमने की 10 जगह में से एक कुसुम सरोवर को ‘जवाहर सिंह’ ने अपने दिवंगत पिता ‘सूरजमल’ के सम्मान में बनवाया था परन्तु यह अधूरा ही रह गया था। साल 1675 में, ओरछा के राजा ‘वीर सिंह’ ने इसे बनाने का कार्यभार सम्भाला और इसे पूरा बनवाया।
यह भारत देश के उत्तर प्रदेश नामक राज्य के मथुरा ज़िले में ‘राधा कुंड’ तथा ‘मानसी गंगा’ के बीच पवित्र गोवर्धन पहाड़ी पर मौजूद है। इस सरोवर को राधा कृष्ण की दिव्य लीलाओं का साक्षी माना जाता है। इसके अलावा इस सरोवर के अन्दर ‘नारद कुंड’ मौजूद है, जहाँ ‘नारद जी’ ने ‘भक्ति सूत्र’ के छन्द लिखे थे।
वृन्दावन में घूमने की 10 जगह में शामिल गोवर्धन पर्वत वृंदावन के पास मौजूद है। सनातन धर्म के कई प्राचीन ग्रंथों में इस पर्वत का उल्लेख मिलता है तथा इसे वैष्णवों के मुख्य तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है।
इस पर्वत को बहुत ही पवित्र माना जाता है तथा गुरु पूर्णिमा के अवसर पर भक्तों द्वारा नंगे पैर पैदल चलकर गोवर्धन पूजा के 23 KM तक चक्कर लगाए जाते हैं और भक्ति यात्रा की जाती है।
यदि इतिहास की माना जाए तो एक बार मथुरा के गाँव को आँधी और भयंकर बारिश से बचाने हेतु भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पहाड़ी को अपनी सबसे छोटी अँगुली पर उठा लिया था।
वृन्दावन में घूमने की 10 जगह में से एक मानसरोवर एक खूबसूरत झील है, जो वृंदावन के प्रमुख शहर से 5 KM की दूरी पर माठ तहसील में मौजूद है।
एक पौराणिक मान्यता के अनुसार इस झील का निर्माण राधा जी के आँसुओं से हुआ था। ऐसा भी कहा जाता है कि मथुरा जाने से पहले भगवान श्री कृष्ण वृंदावन की सभी गोपियों से इसी जगह पर मिलते हैं तथा उनके साथ रासलीला रचाते हैं।
मानसरोवर के पास रचाई जाने वाली रासलीला इतनी खूबसूरत थी कि ख़ुद भगवान शिव जी भी नारी का रूप धरकर इस रासलीला में शामिल जो जाते थे। भगवान श्री कृष्ण ने शिव जी के इस रूप को पहचान लिया था तथा वह उनके साथ नृत्य भी किया था।
वृन्दावन में घूमने की 10 जगह में शामिल केशी घाट उत्तर प्रदेश के वृंदावन नामक स्थान में यमुना नदी के तट पर मौजूद एक प्रमुख घाट है। हिन्दू शास्त्रों के मुताबिक, केशी घाट वह स्थान है, जहाँ पर भगवान श्री कृष्ण ने केशी नामक राक्षस को हराकर उसका वध किया था।
कंस नाम के एक दुष्ट राजा केशी को कंस द्वारा कृष्ण को मारने के लिए भेजा गया था लेकिन कृष्ण ने सबसे उच्च भगवान होने के नाते अनायास ही उस राक्षस को हरा दिया था और उसे उसके पापपूर्ण अस्तित्व से मुक्त किया था।
हिंदी भाषा में ‘घाट’ शब्द स्नान करने की जगह को दर्शाता है और भक्त अक्सर शुद्धिकरण अनुष्ठान के रूप में केशी घाट पर यमुना नदी में पवित्र डुबकी लगाते हैं।
राज मन्दिर सिनेमा हाल का निर्माण करने में लगभग 10 वर्ष का समय लगा था। वहीं इस सिनेमा हाल का डिजाइन डबल्यू नामजोशी ने किया था। 1 जून 1976 में राज मन्दिर सिनेमा हाल का उद्घाटन किया गया था।
वृन्दावन में घूमने की 10 जगह में से एक है – कालियादेह घाट। इस स्थान के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह वही घाट है, जहाँ पर भगवान श्री कृष्ण कदम वृक्ष के ऊपर चढ़कर इस नदी में कूदे थे तथा कालिया नाग के पर चढ़कर नृत्य किया था।
उन्होंने कालिया नाग के ज़हर से यमुना नदी को मुक्त किया था। इस स्थान पर प्राचीन समय में से यमुना नदी बहती थी, आज के समय में वह लगभग 100 मीटर आगे खिसक गई है।
वृन्दावन में घूमने की 10 जगह की जानकारी हमने आपको दे दी है। अब अगर आप कभी भी वृन्दावन जाना चाहता हैं और आपने हमारा यह blog पढ़ रखा है तो आपको वृन्दावन में किसी से भी घूमने की प्रसिद्ध जगह के बारे में पूछना नहीं पड़ेगा।
हमारे इस bolg में आपको प्रेम मन्दिर से लेकर इस्कॉन मन्दिर तक के सभी प्रसिद्ध मन्दिरों की जानकारी दी गई है। इसके अलावा आप यहाँ स्थित केशी घाट, कुसुम सरोवर से लेकर यमुना नदी तक का भ्रमण कर सकते हैं।
वृंदावन भगवान श्री कृष्ण जी की बाल – लीलाओं के कारण प्रसिद्ध है।
वृंदावन में मुख्य आकर्षण के तौर पर ‘श्री राधा दामोदर मन्दिर’ को लिया जा सकता है, जो सेवा कुंज के पास लोई बाज़ार में मौजूद है।
वृंदावन में राधा – कृष्ण की प्रेम कथा एवं गोपियों संग रचाई गई लीलाएँ सर्वाधिक प्रचलित हैं।
वृंदावन के सबसे प्रचलित एवं स्वादिष्ट व्यंजन ‘मक्खन’ तथा ‘पेड़ा’ हैं।
Introduction The world of work is changing faster than ever. People no longer want to
India’s workforce is going through a massive transformation. With the gig economy on the rise,
India is home to one of the largest and most diverse workforces in the world.
Introduction For decades, India’s informal workforce has been caught in a cycle of uncertainty—working long