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कामकाजी महिलाओं के लिए लाभकारी योगासन - Beneficial Yoga Poses For Working Women

कामकाजी महिलाओं के लिए लाभकारी योगासन

योगासन नामक शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है। इस भाषा के दो शब्दों ‘युज’ और ‘आसान’ के योग से योगासन शब्द बनाया गया है। जहाँ युज शब्द का अर्थ “इकठ्ठा होना” होता है, वहीं आसन का अर्थ होता है – “शरीर की मुद्राएँ”।

यदि आप अपने शरीर को सुन्दर, स्वस्थ और रोगमुक्त बनाना चाहते हो तो योगासन इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और बात अगर महिलाओं की हो तो कामकाजी महिलाओं के लिए लाभकारी योगासन उनके व्यक्तित्व को और भी निखार देते हैं।

हमारे शरीर के जितने भी अंग हैं, उनमें से हरेक अंग के लिए योगासन में कम – से – कम 3 से 4 मुद्राएँ हैं। योग की यही मुद्राएँ योगासन कहलाती हैं।

योगासन के बहुत से नाम हैं, जिनके द्वारा इसे सम्बोधित किया जाता है। जैसे: यौगिक क्रिया, योगमुद्रा आदि।

भारत देश ही एकमात्र ऐसा देश है, जहाँ रहने वाले लोगों ने प्राचीन काल से योगासन को अपने जीवन का हिस्सा बना रखा है। यदि आज के समय में देखा जाए तो आज भी योगासन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार अनेकों प्रतियोगिताओं का आयोजन करती है।

इसके अलावा योगासन को एक खेल के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। हमारे देश के वेदों जैसे: ऋग्वेद आदि में भी योगासन से सम्बन्धित जानकारियाँ उपलब्ध हैं।

कामकाजी महिलाओं के जीवन में योगासन का महत्व

अक्सर यह कहा जाता है के औरत ही मकान को घर बनाती है। फिर उस घर में रहने वाले परिवार और घर दोनों को Manage भी करती है। जिस कारण उनकी Life इतनी Busy हो जाती है कि वह अपने शरीर पर ध्यान ही नहीं दे पातीं।

अपने शरीर के ऊपर ध्यान न दे पाने की स्थिति में उन्हें शारीरिक तथा मानसिक समस्याओं जैसे: मोटापा, Thyroid, Hormonal Disorder आदि का सामना करना पड़ता है। जिससे उनका Lifestyle तो प्रभावित होता ही है साथ ही उन्हें लेकर उनके परिवार में भी चिंता और उदासी का माहौल बना रहता है।

योगासन के द्वारा अपने मन, शरीर और आत्मा को Balanced करके महिलाएँ ऐसे माहौल से बाहर आ सकती हैं। जिंदगी के किसी भी मोड़, किसी भी उम्र में आकर योगासन को अपनाया जा सकता है।

Corporate Sector में कई – कई घण्टों तक काम करने और पारिवारिक दबाव से जूझ रही महिलाओं के भावनात्मक स्वास्थ्य और अधूरी नींद से सम्बन्धित समस्याओं को भी योगासन द्वारा व्यवस्थित किया जा सकता है। आज हम सिर्फ़ और सिर्फ़ कामकाजी महिलाओं के लिए लाभकारी योगासन के बारे में ही चर्चा करेंगे।

चक्रासन (Wheel Pose)

चक्रासन करने की विधि

चक्रासन करने के लिए सबसे पहले आप अपनी पीठ के बल लेट जाइए। उसके बाद अपने पैरों को मोड़ें तथा अपने पैरों को मजबूती से फर्श पर टिकाएँ।
अब आप अपनी हथेलियों को उल्टा करें एवं उन्हें कंधों के नीचे या कानों के पास रख लें। ध्यान रहे कि ऐसा करते हुए आपकी अँगुलियाँ आगे की तरफ हों।
अब जैसे ही आप साँस लेंगी, उसके साथ ही अपनी हथेलियों और पैरों को सहारा देने के लिए ज़मीन में दबाएँ।
फिर अपनी बाँहों और पैरों को सीधा करके अपने Pelvic को ऊपर उठाएँ।
अब आहिस्ता – आहिस्ता, अपने पूरे बदन को ऊपर की और उठाते हुए एक Arch बनाएँ और अपनी गर्दन को आराम देने के लिए अपने सिर को धीरे से पीछे की ओर रखें।

लाभ

चक्रासन करने से तनाव तो दूर होता ही है साथ ही आँखों की रोशनी भी तेज़ हो जाती है। इसके अलावा शरीर की Extra चर्बी कम होती है।

हाथ, पैर और पीठ की माँसपेशियों को मजबुताई देने के लिए भी चक्रासन किया जाता है। चक्रासन के इतने Benefits होने के कारण ही इस आसान को कामकाजी महिलाओं के लिए लाभकारी योगासन में रखा गया है।

अंजनेयासन (Low Lunge Pose)

अंजनेयासन करने की विधि

कामकाजी महिलाओं के लिए लाभकारी योगासन में से एक अंजनेयासन को करने के लिए पहले पैरों को मोड़कर घुटनों के बल बैठें।
फिर अपने बाएँ पैर को पीछे की ओर लेकर जाएँ तथा दाएँ पैर के तलवे को ज़मीन पर रख लें।
अब दोनों हाथों को अपने सिर के ऊपर से ले जाएँ और आपस में जोड़ें।
फिर आराम से पीछे की और झुकें।
ऐसा करते हुए जितना हो सके अपने हाथों को पीछे की ओर लेकर जाइए।
कुछ समय के लिए इसी Position में बने रहें, फिर वापिस पुरानी Position में आ जाएँ।

लाभ

अंजनेयासन करने से पेट की माँसपेशियों खींचती हैं, जिससे पेट के अंग Actively काम करने लग जाते हैं। अंजनेयासन Digestion Process को तेज़ करता है। इस आसान को Daily करने से पैर में होने वाले साइटिका के दर्द में आराम मिलता है।

हलासन (Plough Pose)

हलासन करने की विधि

इस योगासन को करने के लिए अपनी बाजुओं को बगल में रखकर अपनी पीठ के बल लेट जाएँ।
फिर साँस लेते हुए पेट की माँसपेशियों के बल पर अपने पैर को ज़मीन से 90 Degree तक ऊपर की ओर उठा लें।
अब साँस लेते हुए और छोड़ते हुए अपने कूल्हों तथा पीठ को हाथों की मदद से ज़मीन से ऊपर की ओर उठाएँ।
फिर पैरों को अपने सिर के ऊपर से होकर 180 Degree के Angle तक ले जाएँ और पीछे ज़मीन पर Touch करें। ध्यान रहे कि आपकी पीठ ज़मीन पर सीधी हो।
हलासन की इस मुद्रा में थोड़ी देर के लिए आराम करें। उसके बाद आराम – आराम से अपने पैरों को वापिस लाते हुए साँस को छोड़ें।

लाभ

हलासन को करने से हमारे शरीर में Metabolism बढ़ता है। जिससे वज़न को कम करने में मदद मिलती है। हलासन रीढ़ की हड्डी में लचक बढ़ाता है और इसके साथ ही कमर के दर्द में भी काफ़ी आराम देता है। इसी वजह से हलासन कामकाजी महिलाओं के लिए लाभकारी योगासन सिद्ध हुआ है।

सर्वांगासन (Shoulder Stand Pose)

सर्वांगासन करने की विधि

सर्वांगासन को करने के लिए पीठ के बल लेट जाइए।
अब पैर, कमर और कूल्हे को एकसाथ ऊपर की तरफ उठा लें। ऐसा करते समय आपका पूरा भार आपके कंधे तथा गर्दन पर आ जाएगा।
फिर हाथों की सहायता से अपनी कमर को कुछ समय के लिए ऊपर की तरफ उठाए रखें।
सर्वांगासन करते हुए अपनी कोहनी को ज़मीन से सटाकर रखें और अगर हो सके तो प्रयास कीजिए कि पैरों के साथ – साथ पूरा शरीर सीधा होना चाहिए।
फिर छाती को ठोड़ी से लगाएँ।
फिर कुछ समय रुककर आहिस्ता – आहिस्ता पहले वाली Position में वापिस आ जाएँ।

लाभ

सर्वांगासन को Regular करने से बढ़ी और सूजी हुई Varicose Veins से छुटकारा मिलता है। बालों का झड़ना कम करने के साथ – साथ सर्वांगासन Tension को भी कम करता है। इसके अलावा इस आसन की वजह से दिल को शरीर के अंगों तक Oxygenated Blood पहुँचाने के लिए कम Effort करने पड़ते हैं।

तभी कामकाजी महिलाओं के लिए लाभकारी योगासन की सूची में सर्वांगासन को रखा गया है।

उष्ट्रासन (Camel Pose)

उष्ट्रासन करने की विधि

कामकाजी महिलाओं के लिए लाभकारी योगासन में शामिल उष्ट्रासन करने के लिए सबसे पहले आप घुटनों के बल बैठें और अपने दोनों हाथों को कूल्हों पर रख लें।
अब आपके घुटने कंधों के Parallel (समानांतर) और पैरों के तलवे ऊपर की ओर होने चाहिए।
फिर अपनी हथेलियों से अपने तलवों को Touch करें। ऐसा करते हुए आपका सिर पीछे यानि ऊपर की तरफ होना चाहिए।
कुछ समय के लिए इसी Position में रहकर आराम से साँस लेते रहें।
फिर आहिस्ता – आहिस्ता पहले वाली Position में वापिस आ जाएँ।

लाभ

यदि आप उष्ट्रासन को Regularly करते हैं तो Thigh (जाँघों) पर जमा Fat कम हो जाता है। Seating Job करने वाली महिलाओं के लिए यह योगासन बहुत लाभकारी सिद्ध होता है। उष्ट्रासन करने से पेट और आँतें फैलती हैं, जिससे कब्ज़ की समस्या से निपटने में मदद मिलती है।

तितली आसन (Butterfly Pose)

तितली आसन करने की विधि

तितली आसन को करने के लिए सबसे पहले सुखासन की मुद्रा में बैठ जाइए।
फिर अपने दोनों पैरों को घुटने से मोड़कर ऐसे अन्दर रखें कि आपके पैरों के तलवे एक – दूजे को छूने लगें।
अब जितना हो सके पैरों को Pubic Area के पास रखने का प्रयास करें। यदि आसान शब्दों में कहा जाए तो अपनी एड़ियों को अन्दर की तरफ खींचने का प्रयास करें।
फिर हाथों से अपने दोनों पैरों को एकसाथ पकड़ें तथा जितना हो सके अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। अब अन्दर की और साँस खींचे एवं दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रख लें।
साँस छोड़ते हुए अपने घुटनों को ऊपर और नीचे की ओर तब तक लेकर जाएँ जब तक घुटने ज़मीन को स्पर्श न कर लें।
धीरे – धीरे साँस लेते हुए इस Process को लगभग 15 से 20 बार दोहराएँ।

लाभ

Daily तितली आसन करने से Natural Child Birth से Related दर्द को घटाने में मदद मिलती है। तितली आसन करने से जाँघों के दर्द में आराम पहुँचता है। तितली आसन तनाव और थकान दूर करने के लिए बहुत बढ़िया Stretch Exercise मानी जाती है। जिस वजह से इसे कामकाजी महिलाओं के लिए लाभकारी योगासन माना जाता है।

निष्कर्ष: यह कामकाजी महिलाओं के लिए लाभकारी योगासन सिद्ध हुए हैं और ऐसा भी कहा जा सकता है कि जो महिला Working नहीं हैं अगर वह भी इन योगासनों को करें तो उसे भी उतना ही फायदा होगा जीतना कि एक कामकाजी महिला को होता है।

यदि महिलाएँ इन योगासनों को अपने Lifestyle में शामिल कर लें तो अपने Career के साथ – साथ वह अपनी Health को भी Maintain कर पाएँगी।

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