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मणिपुर की 2 महिलाओं का video viral होने के बाद CBI investigation को लेकर Supreme Court ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। Supreme Court ने CBI को पीड़िताओं के Statement लेने के order पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी है।
Chief Justice चंद्रचूड़ की अगुआई वाली 3 judges की पीठ के सामने यह मुद्दा उठाया गया कि पीड़ित महिलाओं को लगातार एक ही Statement देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसके बाद Supreme Court ने अपने अगले order तक पीड़िता से बयान न लेने को कहा है।
Court ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद कहा कि इस मामले का फैसला 2 बजे तक दिया जाएगा, तबतक CBI हमारे फैसले का इंतजार करे। फिर 2 बजे Court ने कहा कि जब तक दोबारा order नहीं दिया जाता तब तक CBI को इस मामले की investigation नहीं करनी चाहिए। Solicitor General तुषार मेहता ने भी Chief Justice की बातों से सहमति जताई है।
हम आपको बता देना चाहते हैं कि मणिपुर में भीड़ द्वारा 2 महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का video social media पर viral हो गया था। जिसके बाद में महिलाओं द्वारा यह आरोप भी लगाया गया था कि भीड़ में मौजूद लोगों ने उनके साथ बलात्कार भी किया था।
मणिपुर में लगभग 3 महीने से हिंसा जारी है। बीते 3 मई को All Tribal Students Union Manipur ने ‘आदिवासी एकता मार्च’ निकाला था, जिसके बाद मणिपुर में आदिवासियों तथा गैर – आदिवासियों के मध्य हिंसक झड़प शुरू हो गई।
फिर पूरे राज्य में मैतई एवं कुकी समुदाय के बीच झड़प होने लगीं। इस जातीय हिंसा के कारण अब तक मणिपुर में लगभग 160 से अधिक लोगों मारे जा चुके हैं जबकि 50 हजार से भी अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं।
मणिपुर में मैतेई नामक समुदाय की जनसंख्या कुल जनसंख्या का लगभग 53% है, जिसमें से अधिकतर लोग हिन्दू हैं। वहीं कुकी समुदाय की आबादी 40 % के आसपास है।
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