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भारत के 10 सबसे ख़ूबसूरत गाँव

10 most beautiful villages of India

भारत एक ऐसा देश है जिसकी लगभग 70% आबादी गाँवों में रहती है और शायद यही वजह है की अभी तक भारत की संस्कृति सुरक्षित है। भारत के गाँवों में जहाँ साफ़, शुद्ध भोजन की महक है, वहीं लोकगीतों की धमक भी है और अगर सुन्दरता की बात की जाए तो इसके लिए हम आज भारत के 10 सबसे ख़ूबसूरत गाँव की बात करेंगे।

ज़ीरो गाँव

ज़ीरो गाँव

भारत के 10 सबसे ख़ूबसूरत गाँव की सूची में सबसे पहले स्थान पर ज़ीरो गाँव आता है। निचले सुबानसिरी ज़िले में स्थित यह गाँव भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य की शोभा बढ़ा रहा है।

प्रकृति ने अपने सभी रंग ज़ीरो गाँव में भरने की हर तरह से कोशिश की है। चाहे वह बाँस के जंगलों की हरियाली हो या देवदार के पेड़ों की नीलिमा या फिर धान की खेती का सुनहरापन सभी रूपों में इस जगह को प्रकृति का आशीर्वाद मिला है।

ज़ीरो गाँव में यदि आप जाएँगे तो ख़ूबसूरती के अलावा शायद ही कुछ और आपको देखने को मिले।

मावल्यान्नॉंग गांव

भारत के मेघालय राज्य के पूर्वी खासी हिल्स ज़िले में यह गाँव स्थित है। मावल्यान्नॉंग गाँव जितना प्राकृतिक रूप से ख़ूबसूरत है उतना ही कृत्रिम रूप से भी सुन्दर है।

जहाँ प्रकृति अपने पेड़ – पौधों, फूलों आदि से इस जगह को रंगती है, वहीं मावल्यान्नॉंग गाँव में रहने वाले लोग इस गाँव में साफ़ – सफ़ाई का पूरा प्रबंध करके प्रकृति का पूरा सम्मान करते हैं।

खासतौर पर स्वच्छता के लिए मावल्यान्नॉंग गाँव बहुत प्रसिद्ध है। सफ़ाई के मामले में यह गाँव इतना ज़्यादा प्रसिद्ध हो गया है कि यह “एशिया का सबसे साफ़ गाँव” कहलाने लगा है, यही विशेषता इसे भारत के 10 सबसे ख़ूबसूरत गाँव में शामिल होने के योग्य बनाती है।

आबादी के हिसाब से मावल्यान्नॉंग गाँव में सिर्फ़ 92 परिवार हैं और इतना साफ़ – सुथरा होने का सबसे अहम कारण इसकी कम आबादी ही है।

मावल्यान्नॉंग गांव

खिमसर

खिमसर

खिमसर गाँव राजस्थान के थार मरुस्थल के किनारे बसा हुआ है। “मरुस्थल में जहाँ तक नज़र जाती है वहाँ तक सिर्फ़ और सिर्फ़ रेत ही नज़र आती है। ऐसे वीरान स्थानों पर सुन्दरता के बारे में तो कोई सोच भी नहीं सकता लेकिन इस गाँव की ख़ूबसूरती और शांतिमय वातावरण इस बात को झुठलाते हुए प्रतीत होते हैं।

खिमसर गाँव की बीचोबीच एक तालाब बना हुआ है। जिसमें आसमान की परछाई पड़ने से वह नीले रंग का दिखाई पड़ता है। जिसके चारों ओर हरे – हरे पेड़ लगे हुए हैं।

सुनहरी रेत में नीले और हरे रंग के मिलने से यह स्थान वाकई बहुत ख़ूबसूरत जान पड़ता है। जिस वजह से इसे भारत के 10 सबसे ख़ूबसूरत गाँव में शामिल किया गया है।

खिमसर गाँव में घरों की ऊँचाई कम है लेकिन यह घर इतने अधिक तापमान में भी ठण्डे रहते हैं। जिसकी वजह है इनकी ख़ास बनावट। इस गाँव के घरों की मोटी – मोटी दीवारें मिट्टी की बनी हुई हैं, जिनके ऊपर की छत फूस से बनी है। इन घरों को ‘Sand Dunes Village’ भी कहा जाता है।

कोल्लेंगोडे गाँव

भारत के केरल राज्य के पलक्कड़ ज़िले में बसा है, यह छोटा – सा कोल्लेंगोडे गाँव। अपने आकार में यह भले ही छोटा हो लेकिन प्राकृतिक सौंदर्य के क्षेत्र में यह काफ़ी विशाल है। इस गाँव के अधिकतर परिवार खेती पर ही आधारित हैं।

कोल्लेंगोडे गाँव में धान के खेत और ताड़ के पेड़ एक साथ होने से हल्के और गूढ़े हरे रंग का एक अद्भुत नज़ारा देखने को मिलता है।

सावन के महीने में जब काली – काली घटाएँ छाती हैं तो कोल्लेंगोडे गाँव में काले और हरे रंग का ऐसा मनोरम दृश्य देखने को मिलता है कि बस आँखें नहीं हटती। कोल्लेंगोडे गाँव का यह दृश्य ऐसा लगता है जैसे किसी ने पेंटिंग बना रखी है।

इसी दृश्य के चलते कोल्लेंगोडे गाँव को भारत के 10 सबसे ख़ूबसूरत गाँव में स्थान दिया गया है।

नाको गाँव

नाको गाँव

भारत के 10 सबसे ख़ूबसूरत गाँव में शामिल एक गाँव है – नाको गाँव। यह गाँव भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के किन्नौर ज़िले में स्थित है। यहाँ पर एक नाको झील भी है। जहाँ पर अधिकतर बौद्ध भिक्षु आकर शांति का अनुभव करते हैं।

नाको गाँव को ‘स्पीति घाटी का गेटवे’ भी कहते हैं। यह गाँव तिब्बत और लद्दाख के बॉर्डर से लगता है। यहाँ नाको झील के एक तरफ खेतों की हरियाली तो दूसरी तरफ छोटे – बड़े घर और उनके पीछे से झाँकते विशालकाय पथरीले – बर्फीले पहाड़। यह सभी आपस में मिलकर एक शानदार दृश्य बनाते हैं।

कभी बर्फ़ की चादर तो कभी धूप को ओढ़े नाको गाँव यहाँ आने वाले पर्यटकों को बहुत भाता है। यदि देखा जाए तो यह नाको गाँव हिमाचल प्रदेश के किन्नौर ज़िले में स्थित है लेकिन यहाँ पर रहने वाले लोगों का पहनावा, रहने का तरीका सभी लगभग स्पीति घाटी में रहने वाले लोगों से मिलता – जुलता है।

तकदाह गाँव

तकदाह गाँव भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के दार्जिलिंग ज़िले में स्थित है। तकदाह गाँव के पहाड़ों पर बसे जंगल और जंगलों का घनापन Tracking के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। यहाँ पर सीढ़ीनुमा चाय के बागान और पीठ पर टोकरी बाँधे यहाँ के लोग पूरी लगन के साथ चाय के पत्ते तोड़ते हुए देखे जा सकते हैं।

तकदाह गाँव से हिमालय की ऊँची – ऊँची चोटियों को साफ़ देखा जा सकता है। हिमालय के मनमोहक दृश्य और चाय के बागान विशेष रूप से इस गाँव में आने वाले सैलानियों को अपनी और आकर्षित करते हैं। जिसके कारण भारत के 10 सबसे ख़ूबसूरत गाँव में तकदाह गाँव को शामिल किया गया है।

तकदाह गाँव

लण्ढोर गाँव

लण्ढोर गाँव

भारत के 10 सबसे ख़ूबसूरत गाँव में से एक लण्ढोर गाँव भारत के उत्तराखण्ड राज्य के देहरादून ज़िले में स्थित है। यह स्थान Hill Station के रूप में प्रसिद्ध होने के साथ – साथ छावनी (सैनिकों के रहने की जगह) के रूप में भी मशहूर है।

सन् 1827 में ब्रिटिश भारतीय सेना ने लण्ढोर गाँव में जंग में घायल हुए सैनिकों का इलाज करवाने के लिए भी इस जगह को विकसित किया गया था। उस समय से वर्तमान समय तक लण्ढोर गाँव सेना का महत्वपूर्ण स्थान है।

जब अंग्रेज़ों द्वारा भारत पर शासन पर किया जा रहा था तब लण्ढोर गाँव अंग्रज़ों के रहने की मनपसन्द जगह में से एक था। जिसका एक महत्वपूर्ण कारण यह भी था कि यह स्थान पूरे साल शुद्ध वातावरण के साथ – साथ शान्तिमय खुशनुमा माहौल के लिए भी प्रसिद्ध है।

हरी – भरी पहाड़ियों के बीच लण्ढोर गाँव की चमकती colorful buildings लुकाछिपी खेलते हुए छुप – छुप कर देखते किसी बच्चे की तरह दिखाई देती है। रात के समय यह गाँव और भी खूबसूरत दिखाई देने लगता है जब रात के अँधेरे में नीचे के पहाड़ों पर जगमगाती Lights को देखकर हररोज़ ही दीवाली के त्यौहार का एहसास होता है।

किब्बर गाँव

किब्बर गाँव हिमाचल प्रदेश राज्य के लाहौल और स्पीति ज़िले में स्थित है। इस गाँव के घरों की एक विशेषता यह है कि इन्हें बनाने में एक भी ईंट का इस्तेमाल नहीं किया गया है।

ईंटों के स्थान पर वहाँ पाए जाने वाले पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। जो किब्बर गाँव के घरों को मजबूती के साथ – साथ एक अनोखा रूप प्रदान करता है। इस गाँव के अनूठे घर इसे भारत के 10 सबसे ख़ूबसूरत गाँव में शामिल करने का अहम कारण है।

किब्बर गाँव की घाटियाँ कभी धूप सेंकती प्रतीत होती हैं तो कभी बर्फ़ का दोशाला (पश्मीने की चादर) ओढ़े ठिठुरती दिखाई देती हैं। कभी खेतों की झूमती फसलों के साथ – साथ मन भी झूमने लगता है तो कभी रुई के फाहों की तरह दिखते हल्के – हल्के बादलों के साथ दिल ख़ुशी से उड़ने लगता है।

किब्बर गाँव

जुलुक गाँव

जुलुक गाँव भारत के सिक्किम राज्य के पूर्व सिक्किम ज़िले में स्थित है। यह गाँव Old Silk Route के करीब बसा हुआ है। इतिहास में इस मार्ग से सबसे ज़्यादा विदेशी व्यापर किया जाता था।

कंचनजंगा और पूर्वी हिमालय के शिखर को जुलुक गाँव से बिलकुल साफ़ – साफ़ देखा जा सकता है। इन ख़ूबसूरत नज़रों को देखने के लिए जुलुक गाँव एक उभरता हुआ पर्यटक स्थल बनता जा रहा है।

ऊँचाई पर स्थित जुलुक गाँव की टेढ़ी – मेढ़ी सड़कें किसी बलखाकर चलती नागिन की तरह लगती हैं। यहाँ पर जाने के लिए एक विशेष Permit की ज़रूरत पड़ती है।

जुलुक गाँव की सबसे प्रमुख बात जिसकी वजह से इसे भारत के 10 सबसे ख़ूबसूरत गाँव में शामिल किया गया है, वह बात यह है कि इस गाँव में एक भी Hotel नहीं है। इस कारण यहाँ पर घूमने आए पर्यटकों को यहाँ रहने वाले लोगों के घरों में रहकर यहाँ के खाने, संस्कृति और लोगों के बारे में जानने का मौका मिल जाता है।

पूवर गाँव

दक्षिण भारत के केरल राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम में नेय्यात्तिनकारा नामक स्थान पर स्थित एक गाँव है, जिसका नाम है – पूवर गाँव। पूवर गाँव को ‘मछली पकड़ने वाला गाँव’ के नाम से भी जाना जाता है।

पूवर गाँव नेय्यर नदी और अरब सागर के बीच में बसा हुआ है। जिस वजह से यहाँ के लोगों का मुख्य व्यवसाय मछली पालन है।

यहाँ पर आने वाले सैलानियों को किराए पर नाव दी जाती है। जिसमें बैठकर वह अपनी मर्ज़ी के अनुसार Backwater और Mangrove जंगल में घूम सकते हैं। पूवर गाँव के जल में डूबे सौंदर्य के कारण इस गाँव को भारत के 10 सबसे ख़ूबसूरत गाँव में रखा गया है।

पूवर गाँव में एक छोटा – सा Coastal Area है। अगर आप Shopping करने के शौक़ीन हैं तो यहाँ की Local Market से आप जूते, कालीन खरीद सकते हैं, जिन्हें यहाँ के लोगों द्वारा Traditional तरीकों से बनाया जाता है।

पूवर गाँव

निष्कर्ष: भारत के 10 सबसे ख़ूबसूरत गाँव की List में शामिल इन गाँव की ख़ूबसूरत विशेषताओं को देखने के बाद यह काम सबसे अच्छा होगा की इन गाँव की यात्रा करके इनकी विशेषताओं को अपनी ज़िन्दगी के विशेष क्षेत्र में शामिल कर लिया जाए।

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