
Empathy, Integrity, and Innovation: The Core Values of Workerlly
In a rapidly changing world of work, where technology is redefining how people connect, collaborate,
‘वृद्धावस्था सम्मान भत्ता’ के बारे में जानने से पहले हमें यह जानना होगा कि भत्ता किसे कहते हैं। किसी Employee को उसकी Salary के अलावा दिया जाने वाला पैसा ‘भत्ता’ कहलाता है।
परन्तु वृद्ध या बूढ़े व्यक्ति के सम्बन्ध में, यदि कोई वृद्ध गरीब है और उसकी उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक है तो उन्हें पेंशन के रूप में हर महीने कुछ पैसे दिए जाते हैं, सरकार की इस योजना को ‘वृद्धावस्था पेंशन योजना’ कहा जाता है।
साल 1955 में ‘राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना’ के रूप में इसकी शुरुआत की गई थी। जिसे Central और State Government द्वारा एक साथ मिलकर शुरू किया गया था परन्तु 1 नवंबर 1991 को, ‘हरियाणा वृद्धजन पेंशन योजना’ को भारत के हरियाणा राज्य में शुरू किया गया था।
हरियाणा राज्य की सरकार ने हाल ही में ‘वृद्धावस्था पेंशन योजना’ का नाम बदलकर ‘वृद्धावस्था सम्मान भत्ता’ रख दिया है। जिसमें CM मनोहर लाल जी ने इस साल के बजट में ‘वृद्धावस्था सम्मान भत्ता’ योजना की शर्तों में ढील देते हुए तीन लाख रुपए की छूट दे दी है। उनके इस फ़ैसले से बुजुर्गों ने राहत के साँस ली है।
हरियाणा के एक शहर जींद में लगभग 3400 बुजुर्गों की Pension को Hold कर लिया गया था क्योंकि Family Identity Card में उनकी Annual Income ज़्यादा दिखाई गई थी।
हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई इस ‘वृद्धावस्था सम्मान भत्ता’ योजना का मुख्य उद्देश्य है – ख़ास तौर पर समाज के गरीब या अभावग्रस्त वर्गों जैसे:- कृषि मजदूरों, छोटे / सीमांत किसान, SC / BC, ग्रामीण कारीगरों आदि को वृद्धावस्था भत्ते का फ़ायदा देना सुनिश्चित करना है।
सरकार ने Senior Citizens का ख्याल रखने हेतु ‘वृद्धावस्था सम्मान भत्ता’ नाम की एक बहुत महत्वपूर्ण योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत हरियाणा राज्य के Senior Citizens को हर तरह की Social Security मुहैया करवाई जाएगी।
‘वृद्धावस्था सम्मान भत्ता’ योजना के द्वारा बुज़ुर्गों का जीवन बहुत ही सरल और सुविधाजनक बनाया जाएगा। जिस वजह से वह अपना जीवन पूरी तरह से आसानी से बिता सकें।
‘वृद्धावस्था सम्मान भत्ता’ योजना के Registration के अंतर्गत राज्य सरकार के द्वारा बुज़ुर्गों की पेंशन की राशि में समय दर समय परिवर्तन किए जाते हैं। जिससे बुज़ुगों को हर साल पेंशन की राशि में बढ़ोतरी करके लाभ प्रदान किया जाएगा।
पीपीपी (परिवार पहचान पत्र) की वजह से Annual Income ज़्यादा होने पर अगर कुछ बुज़ुर्गों की पेंशन बन्द कर दी गई है और Hold कर ली गई तो वहीं 1292 बुज़ुर्गों की नई पेंशन भी शुरू की गई है।
इन लाभार्थियों के नाम परिवार पहचान पत्र के द्वारा लिए गए हैं तथा Headquarter के द्वारा यह सूची District Social Welfare Department को भेजी गई है।
जिस पर कार्यवाही करते हुए Social Welfare Department द्वारा इन बुज़ुर्गों की पेंशन शुरू कर दी गई है। यदि देखा जाए तो अब तक विभाग के पास ज़िले भर से 1600 बुज़ुर्गों का डेटा आ गया है। अब इन बुज़ुर्गों की पेंशन विभाग के माध्यम से शुरू की जाएगी।
‘वृद्धावस्था सम्मान भत्ता’ योजना के लिए दो तरीकों से Apply किया जा सकता है –
1. स्व – आवेदन प्रक्रिया (Self – Application Process)
प्रथम चरण (First Step)
2. सीएससी केंद्र आवेदन प्रक्रिया (CSC Center Application Process)
हरियाणा पेंशन योजना की स्थापना हरियाणा राज्य के बुजुर्गों / वृद्धों को हर महीने पेंशन की धनराशि देने के लिए की गई थी। हरियाणा राज्य सरकार बुजुर्गों को Local Common Service Center के द्वारा पेंशन प्राप्त करने का Option Provide करवाती है, ताकि वरिष्ठ नागरिकों को अपनी पेंशन हासिल करने के लिए बार – बार bank के पास न जाना पड़े।
‘वृद्धावस्था सम्मान भत्ता’: आधार नंबर से ऐसे लिंक करें –
Director General Social Justice और Jurisdiction Department, हरियाणा, भारत SCO 20 – 2, जीवनदीप बिल्डिंग, तीसरी मंजिल, सेक्टर 17-ए, चण्डीगढ़ फोन न. : 0172-2713277 फैक्स: 0172-2715094 ईमेल: sje[at]hry[dot]nic[dot]in
निष्कर्ष:- हरियाणा सरकार ने ‘वृद्धावस्था सम्मान भत्ता’ योजना में 3 लाख रुपए तक की छूट देकर वाकई बहुत बढ़िया काम किया है। सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से प्रदेश के बहुत से बुज़ुर्ग इस सुविधा को अपना पाएँगे और महँगाई के इस दौर में स्वयं को आर्थिक रूप से मजबूत कर पाएँगे। हम आशा करते हैं कि भविष्य में सरकार ऐसी और भी योजनाएँ लाएगी जिससे समाज के हर तबके को लाभ प्रदान किया जा सके।

In a rapidly changing world of work, where technology is redefining how people connect, collaborate,

In today’s fast-evolving world of work, companies are discovering that success is no longer measured

When we first began building Workerlly, our goal wasn’t just to create another job app.

In today’s fast-changing digital economy, work is no longer limited to offices, factories, or fixed